नसबंदी करवाई, जमीन मिली – लेकिन अब वो भी छीन ली गई! महोबा जिले के चांदो गांव में जब कांग्रेस सरकार थी, तब लोगों को नसबंदी के बदले ज़मीन दी गई थी। आज 35 साल बाद वही ज़मीन रेलवे विभाग अपने दोहरीकरण प्रोजेक्ट के तहत ले चुका है। ग्रामीणों को न तो मुआवज़ा मिला, न ही दूसरी जगह ज़मीन। मक्को, धर्म प्रकाश, और गांव के अन्य लोग अब अपने हक के लिए लड़ रहे हैं। सरकारी कागज़, खतौनी और जमीन की बुआई की यादें लेकर ये किसान आज दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। क्या वाकई नसबंदी के बदले दी गई ज़मीन सिर्फ एक वादा थी? या यह किसानों के साथ हुआ ऐतिहासिक अन्याय है?
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